Ram Ji Ki Sena Chali Bhajan Lyrics
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राम जी की सेना चली हिन्दी लिरिक्स
यहाँ प्रस्तुत है प्रसिद्ध भजन “राम जी की सेना चली” के हिंदी बोल, जो श्रीराम की लंका यात्रा और धर्म की विजय का उत्सव मनाते हैं:
🎵 राम जी की सेना चली – भजन
हर हर महादेव, हर हर महादेव,
जय भवानी, जय भवानी,
जय भवानी, जय भवानी,
पापियों के नाश को,
धर्म के प्रकाश को,
श्री राम जी की सेना चली,
राम जी की सेना चली ॥
पाप अनाचार में,
घोर अंधकार में,
एक नई ज्योति जली,
श्री राम जी की सेना चली,
राम जी की सेना चली ॥
निशिचर हीन करेंगे धरती,
यह प्रण है श्री राम का,
जब तक काम न पूरण होगा,
नाम नहीं विश्राम का,
उसे मिटाने चलें की जिसका,
मंत्र वयम रक्षाम का,
समय आ गया निकट राम और
रावण के संग्राम का,
तीनों लोक धन्य हैं,
देवता प्रसन्न हैं,
आज मनोकामना फली,
श्री राम जी की सेना चली,
राम जी की सेना चली ॥
रामचन्द्र जी के संग लक्ष्मण,
कर में लेकर बाण चले,
लिए विजय विश्वास हृदय में,
संग वीर हनुमान चले,
सेना संग सुग्रीव, नील, नल,
अंगद छाती तान चले,
उसे बचाए कौन के जिसका
वध करने भगवान चले,
आगे रघुनाथ हैं,
वीर साथ-साथ हैं,
एक से एक बलि,
श्री राम जी की सेना चली,
राम जी की सेना चली ॥
हर हर महादेव, हर हर महादेव,
जय भवानी, जय भवानी,
जय भवानी, जय भवानी ॥
यह भजन श्रीराम की धर्मयात्रा, रावण के विरुद्ध संग्राम और धर्म की स्थापना का प्रतीक है। इसमें श्रीराम, लक्ष्मण, हनुमान, सुग्रीव, नल, नील, अंगद आदि की वीरता और समर्पण का वर्णन है।
इस भजन का विस्तृत संस्करण और अन्य भक्ति गीतों के लिए आप BhaktiBharat.com या FreeBhajans.com पर भी देख सकते हैं।
यदि आप इस भजन का वीडियो या ऑडियो संस्करण सुनना चाहते हैं, तो मैं आपको कुछ लिंक प्रदान कर सकता हूँ। क्या आप उसमें रुचि रखते हैं?
आपके लिए प्रस्तुत है भजन “राम जी की सेना चली” की पूर्ण हिंदी लिरिक्स—जो भक्ति और शक्ति से भरपूर है:
🎵 राम जी की सेना चली – भजन लिरिक्स
हर हर महादेव, हर हर महादेव,
जय भवानी, जय भवानी,
जय भवानी, जय भवानी,
पापियों के नाश को,
धर्म के प्रकाश को,
श्री रामजी की सेना चली,
रामजी की सेना चली।
पाप अनाचार में,
घोर अंधकार में,
एक नई ज्योति जली,
श्री रामजी की सेना चली,
रामजी की सेना चली।
निशिचर हीन करेंगे धरती,
यह प्रण है श्री राम का;
जब तक काम न पूरा होगा,
नाम नहीं विश्राम का।
उसे मिटाने चलें की जिसका
मंत्र वयम रक्षाम का;
समय आ गया निकट राम और
रावण के संग्राम का;
तीनो लोक धन्य है,
देवता प्रसन्न है;
आज मनोकामना फली,
श्री रामजी की सेना चली,
रामजी की सेना चली।
रामचन्द्र जी के संग लक्ष्मण,
कर में लेकर बाण चले;
लिए विजय विश्वास ह्रदय में,
संग वीर हनुमान चले;
सेना संग सुग्रीव, नील, नल,
अंगद छाती तान चले;
उसे बचाए कौन जिसके,
वध करने भगवान चले;
आगे रघुनाथ है, वीर साथ साथ है,
एक से एक बलि;
श्री रामजी की सेना चली,
रामजी की सेना चली।
(👉 कुछ संस्करणों में कुछ और श्लोक भी जोड़े जाते हैं, जैसे “प्रभु लंका पर डेरा डाले...” आदि)
📚 स्रोत
- समस्या से लेकर युद्ध तक की वीरता—पूरा भजन Bhajan Diary और FreeBhajans जैसी साइटों पर प्रकाशित है।
- कई अन्य वेबसाइट्स में भी लगभग समान संस्करण मिलते हैं ।
🕉️ ध्यान दें
- भजन की धुन, बोलों में मामूली अंतर हो सकते हैं—ये क्षेत्र या आयोजक के हिसाब से वैरिएंट के रूप में प्रचलित हैं।
- ऊपर दी गई लिरिक्स दो लोकप्रिय ऑनलाइन स्रोतों पर उपलब्ध प्राथमिक संस्करण पर आधारित है ।
यदि आप चाहते हैं कि इन लिरिक्स को इमेज पर सजाया जाए, या साथ में इंग्लिश ट्रांसलिटरेशन/अनुवाद चाहते हैं, तो बस बताइए—मैं तुरंत तैयार कर देता हूँ!