Ram Ji Ki Nikli Sawari Bhajan Lyrics – रामजी की निकली सवारी भजन
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Ram Ji Ki Nikli Sawari Bhajan Lyrics
यहाँ प्रस्तुत है भक्ति गीत “राम जी की निकली सवारी” के पूर्ण हिंदी बोल, जो भगवान श्रीराम की महिमा और उनकी लीला का सुंदर वर्णन करते हैं।
🎵 राम जी की निकली सवारी – भजन लिरिक्स
श्लोक:
सर पे मुकुट सजे, मुख पे उजाला
हाथ में धनुष, गले में पुष्प माला
हम दास इनके, ये सबके स्वामी
अंजान हम, ये अंतर्यामी
शीश झुकाओ, राम गुण गाओ
बोलो जय विष्णु के अवतारी
मुख्य भजन:
राम जी की निकली सवारी,
राम जी की लीला है न्यारी।
एक तरफ लक्ष्मण, एक तरफ सीता,
बीच में जगत के पालनहारी।
राम जी की निकली सवारी,
राम जी की लीला है न्यारी।
अंतरा 1:
धीरे चला रथ ओ रथ वाले,
तोहे खबर क्या ओ भोले भाले।
एक बार देखे दिल ना भरेगा,
सौ बार देखो फिर जी करेगा।
व्याकुल बड़े हैं कबसे खड़े हैं,
दर्शन के प्यासे सब नर-नारी।
राम जी की निकली सवारी,
राम जी की लीला है न्यारी।
अंतरा 2:
चौदह बरस का वनवास पाया,
माता-पिता का वचन निभाया।
धोखे से हर ली रावण ने सीता,
रावण को मारा, लंका को जीता।
तब-तब ये आए, जब-जब दुनिया इनको पुकारे।
राम जी की निकली सवारी,
राम जी की लीला है न्यारी।
यह भजन भगवान राम की दिव्यता और उनके जीवन की घटनाओं का सुंदर चित्रण करता है। यदि आप इस भजन को सुनना या गाना चाहें, तो आप इसे नीचे दिए गए वीडियो में देख सकते हैं:
यदि आप इस भजन की पीडीएफ या ऑडियो डाउनलोड करना चाहते हैं, तो कृपया बताएं, मैं आपको संबंधित लिंक प्रदान कर सकता हूँ।
नमस्कार! प्रस्तुत है संगीत प्रेमियों के लिए लोकप्रिय भजन 🎵 “राम जी की निकली सवारी” का संपूर्ण हिंदी लिरिक्स, जिसे मु़हल्ली आनंदबक्शी ने लिखा है, संगीतकार लक्ष्मीकांत–प्यारेलाल द्वारा रचा गया, और मोहम्मद रफी की आवाज़ ने बखूबी संवारा है ।
🕉️ राम जी की निकली सवारी – भजन लिरिक्स
सर पे मुकुट सजे मुख पे उजाला,
हाथ धनुष गले में पुष्प माला।
हम दास इनके ये सबके स्वामी,
अंजान हम ये अंतरयामी।
शीश झुकाओ राम गुण गाओ,
बोलो जय विष्णु के अवतारी।
राम जी की निकली सवारी,
राम जी की लीला है न्यारी।
एक तरफ लक्ष्मण एक तरफ सीता,
बीच में जगत के पालनहारी।
राम जी की निकली सवारी,
राम जी की लीला है न्यारी न्यारी।
धीरे चला रथ ओ रथ वाले,
तोहे खबर क्या ओ भोले-भाले।
इक बार देखो दिल न भरेगा,
सौ बार देखो फिर जी करेगा।
व्याकुल पड़े हैं कब से खड़े हैं,
दर्शन के प्यासे सब नर-नारी।
राम जी की निकली सवारी,
राम जी की लीला हैं न्यारी न्यारी।
चौदह बरस का वनवास पाया,
माता-पिता का वचन निभाया।
धोखे से हर ली रावण ने सीता,
रावण को मारा लंका को जीता।
तब-तब ये आए, जब-जब ये पुकारी,
दुनिया ने पुकारा इनको पुकारा।
राम जी की निकली सवारी,
राम जी की लीला हैं न्यारी न्यारी।
(दोहराएँ अंतिम अंतरा)
🎙️ भजन का सारांश
- भगवान श्रीराम की भव्य सवारी का वर्णन — जिसमें माता सीता और श्री लक्ष्मण भी उनके साथ सवार हैं।
- श्रीराम की महान स्मृतियां: चौदह वर्ष का वनवास, रावण वध, लंका विजय आदि।
- भक्तजन उनकी शोभा देखने के लिए दिनों तक उत्सुक रहते हैं।
- यह भजन भक्तिद्यान और देशभक्ति का अनोखा मेल पेश करता है ।
📌 इस्तेमाल के उपाय
- 🎥 WhatsApp/Facebook/Instagram स्टेटस—इस भजन को 15–30 सेकंड शॉर्ट वीडियो या इमेज ओवरले के साथ शेयर करें।
- 🎤 आरती/भजन मंडली—पोस्टर या स्क्रीन के रूप में लिरिक्स का उपयोग करें।
- 🎶 मन्दिर, satsang, या परिवार संग भजन समय—सभी लोग मिलकर गा सकते हैं और श्रीराम जी का गुणगान कर सकते हैं।
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जय श्री राम! 🙏